Nitin Gadkari : 20 लाख करोड़ से चकाचक होंगी देश की सड़कें , ये है नितिन गडकरी का प्लान
नितिन गडकरी ने देश में सड़कों को चकाचक करने के लिए जारी किसा नया प्लान, भारतमाला परियोजना के पहले चरण में 30 हजार किमी से अधिक सड़कें बनाई गई हैं। लेकिन इसके दूसरे चरण को वापस लिया जा सकता है,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य (India is a developed country) रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश में 50,000 किमी हाइवेज बनाने की योजना है। इसमें से 30 से 35,000 किमी एक्सप्रेसवेज होंगे। इस पर 20 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सरकार भारतमाला प्रोजेक्ट के दूसरे चरण को आगे बढ़ाने के बजाय 20 साल के लिए एक ठोस परियोजना पर काम कर रही है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है। सरकार ने 2017 में भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण को मंजूरी दी थी। इसके तहत 34,800 किमी सड़कों का निर्माण किया गया है।
भारतमाला प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में 5,000 किमी एक्सप्रेसवेज का निर्माण होना था और इस पर तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था। इसी साल इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने की संभावना थी। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री ने इसके लिए एक कैबिनेट नोट भी तैयार कर लिया था। लेकिन अब भारतमाला के दूसरे चरण को वापस लेकर विजन 2047 प्रोजेक्ट को तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एक फ्रेश कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है। इसमें भारतमाला-2 प्रोग्राम के एलिमेंट्स को भी शामिल किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक हाल में मिनिस्ट्री ने काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के समक्ष इसे प्रजेंट किया था। माना जा रहा है कि उसे जल्दी ही कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है।
कैसे आएगा निजी निवेश
हालांकि विजन 2047 की कुल लागत पर अभी विचार चल रहा है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश किया जा सकता है। मिनिस्ट्री को उम्मीद है कि उसे फाइनेंस मिनिस्ट्री से पर्याप्त बजट मिलता रहेगा। इस फाइनेंशियल ईयर में रोड मिनिस्ट्री को रेकॉर्ड 2.7 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मिनिस्ट्री सड़क निर्माण में निजी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए बीओटी मॉडल को रिवाइव किया जा रहा है। इससे सरकार पर दबाव कम होगा। अभी सड़क निर्माण में निजी निवेश नहीं आ रहा है।
माना जा रहा है कि भारतमाला प्रोजेक्ट की तुलना में विजन 2047 से कहीं ज्यादा व्यापक परियोजना होगी। साल 2047 से पहले देश में 30,000 से 35,000 किमी लंबे एक्सेस कंट्रोल हाइवेज का निर्माण किया जाएगा। मंत्रालय को उम्मीद है कि अगर उसे पर्याप्त फंडिंग मिली तो यह काम अगले 13-14 साल में पूरा हो सकता है। इस प्रोग्राम में भारतमाला के प्रोजेक्ट्स को भी शामिल किया जा सकता है। जुलाई 2023 तक देश में 47 एक्सप्रेसवेज ऑपरेशनल हैं जिनकी कंबाइंड लंबाई 5,000 किमी है। साथ ही 9,000 किमी एक्सप्रेसवेज निर्माणाधीन है।