Noida में अब यहां से उड़ेंगे बड़े से बडे हेलीकॉप्टर, मेट्रो व एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा हेलीपोर्ट
नोएडा में हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए रिफ्लेक्स एयरपोर्ट एंड ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया गया है। मेट्रो और एक्सप्रेसवे से हेलीपोर्ट को जोड़ा जाएगा।
दोनों एयरपोर्ट को जोड़ेगा हेलीपोर्ट
सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में वाणिज्यिक हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी स्थापित करना है। हवाई मुसाफिरों की सुविधा के लिए इस हेलीपोर्ट को नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट और दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। सैलानी यहां से मथुरा, आगरा, जयपुर और देहरादून के लिए उड़ानें ले सकेंगे। 12 नवंबर को अथॉरिटी के बोर्ड ने हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल को मंजूरी दी थी।
इन शहरों से इतनी होगी दूरी
डॉ. लोकेश एम. ने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार हेलीपोर्ट ग्रेटर नोएडा से 10 किलोमीटर दूर, नई दिल्ली हवाई अड्डे से 50 किलोमीटर और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 47 किलोमीटर की दूरी पर बनेगा। यमुना एक्सप्रेसवे से दूरी 7 किलोमीटर, नोएडा शहर से 17, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर होगा। यह हेलीपोर्ट नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन के सेक्टर-147 स्टेशन से केवल 3 किलोमीटर दूर है।
मेट्रो और एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा हेलीपोर्ट, शानदार होगी कनेक्टिविटी
दिल्ली-एनसीआर के शहर मेरठ, बागपत, सोनीपत, पानीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कुंडली, मानेसर, पलवल, आगरा, मथुरा, हाथरस और बुलंदशहर से हेलीपोर्ट तक पहुंचना बेहद आसान होगा। इन सारे शहरों से हेलीपोर्ट की दूरी 1 से 2 घंटे में तय होती है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से हेलीपोर्ट सटा हुआ है। आवागमन के लिए चौड़ी सड़कें उपलब्ध हैं। हेलीपोर्ट के लिए कमबख्शपुर गांव में प्राधिकरण ने 9.3 एकड़ जमीन आरक्षित की है। यह साइट नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और एक्वा लाइन मेट्रो के सेक्टर-147 स्टेशन के पास है।
यहां से उड़ेगा बड़े से बड़ा हेलीकॉप्टर
इस परियोजना स्थल के पास जेपी अमन जैसी कुछ ऊंची इमारतें हैं। हेलीपोर्ट तीन ओर से प्रस्तावित गोल्फ कोर्स से घिरा होगा। एक बार विकसित हो जाने के बाद हेलीपोर्ट आसपास के शहरों में वीआईपी और कॉर्पोरेट्स के आवागमन को सुविधा प्रदान करेगा। इस प्रोजेक्ट से जुड़े नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि यह नोएडा से काम करने और हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों को आय बढ़ाने के अवसर प्रदान करेगा। इस हेलीपोर्ट से बेल-412 हेलीकाप्टरों को भी उड़ाया जा सकेगा, जिसमें 13 यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है। इसमें हेलीपैड, एप्रन, टैक्सीवे, हैंगर और एक टर्मिनल बिल्डिंग की सुविधाएं होंगी।
15 मीटर ऊंचा होगा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर
इस हेलीपोर्ट में बेल और एमआई हेलीकॉप्टर पार्क करने के लिए हैंगर और एप्रेन बनाए जाएंगे। एक हेलीपैड 52 मीटर चौड़ा और 52 मीटर लंबा होगा। इनका टैक्सीवे 10-10 मीटर लंबा-चौड़ा होगा। एक एप्रेन 170 मीटर लंबा और 52 मीटर चौड़ा होगा। ऐसे 5 एप्रेन बनाए जाएंगे। हेलीपोर्ट पर बेल और एमआई हेलीकॉप्टर्स के लिए हैंगर भी बनेगा। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर 15 मीटर ऊंचा होगा और यहां 50 कारों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।